Atul from

Wednesday, 25 November 2015

મહાભારત ની જાણકારી

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं
1. युधिष्ठिर    2. भीम    3. अर्जुन
4. नकुल।      5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।

वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं
1. दुर्योधन      2. दुःशासन   3. दुःसह
4. दुःशल        5. जलसंघ    6. सम
7. सह            8. विंद         9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष       11. सुबाहु।   12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण।   14. दुर्मुख     15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण     17. शल       18. सत्वान
19. सुलोचन   20. चित्र       21. उपचित्र
22. चित्राक्ष     23. चारुचित्र 24. शरासन
25. दुर्मद।       26. दुर्विगाह  27. विवित्सु
28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द।        32. उपनन्द   33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा    35. सुवर्मा    36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु   38. महाबाहु  39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग  42. भीमबल
43. बालाकि    44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण       47. कुण्डधर  48. महोदर
49. चित्रायुध   50. निषंगी     51. पाशी
52. वृन्दारक   53. दृढ़वर्मा    54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति  56. अनूदर    57. दढ़संघ 58. जरासंघ   59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा   62. उग्रसेन     63. सेनानी
64. दुष्पराजय        65. अपराजित
66. कुण्डशायी        67. विशालाक्ष
68. दुराधर   69. दृढ़हस्त    70. सुहस्त
71. वातवेग  72. सुवर्च    73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी   75. नागदत्त 76. उग्रशायी
77. कवचि    78. क्रथन। 79. कुण्डी
80. भीमविक्र 81. धनुर्धर  82. वीरबाहु
83. अलोलुप  84. अभय  85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय    87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी।     89. विरवि
90. चित्रकुण्डल    91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि    93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान     95. दीर्घबाहु
96. सुजात।         97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी        99. विरज
100. युयुत्सु

( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )

"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में

ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ. श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।

ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।

ॐ. कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी

ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में

ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय

ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक

ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने

ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को

ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में

ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद

ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना

ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.

अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद


अधूरा ज्ञान खतरना होता है।

33 करोड नहीँ  33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ।

कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,

कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।

हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...

कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-

12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!

8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।

11 प्रकार है :-
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।

एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।

कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी

अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं। ।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
१ हिन्दु हाेने के नाते जानना ज़रूरी है

This is very good information for all of us ... जय श्रीकृष्ण ...

अब आपकी बारी है कि इस जानकारी को आगे बढ़ाएँ ......



अपनी भारत की संस्कृति
को पहचाने.
ज्यादा से ज्यादा
लोगो तक पहुचाये.
खासकर अपने बच्चो को बताए
क्योकि ये बात उन्हें कोई नहीं बताएगा...

📜😇  दो पक्ष-

कृष्ण पक्ष ,
शुक्ल पक्ष !

📜😇  तीन ऋण

देव ऋण ,
पितृ ऋण ,
ऋषि ऋण !

📜😇   चार युग -

सतयुग ,
त्रेतायुग ,
द्वापरयुग ,
कलियुग !

📜😇  चार धाम -

द्वारिका ,
बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पुरी ,
रामेश्वरम धाम !

📜😇   चारपीठ -

शारदा पीठ ( द्वारिका )
ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
शृंगेरीपीठ !

📜😇 चार वेद

ऋग्वेद ,
अथर्वेद ,
यजुर्वेद ,
सामवेद !

📜😇  चार आश्रम

ब्रह्मचर्य ,
गृहस्थ ,
वानप्रस्थ ,
संन्यास !

📜😇 चार अंतःकरण -

मन ,
बुद्धि ,
चित्त ,
अहंकार !

📜😇  पञ्च गव्य -

गाय का घी ,
दूध ,
दही ,
गोमूत्र ,
गोबर !

📜😇  पञ्च देव -

गणेश ,
विष्णु ,
शिव ,
देवी ,
सूर्य !

📜😇 पंच तत्त्व -

पृथ्वी ,
जल ,
अग्नि ,
वायु ,
आकाश !

📜😇  छह दर्शन -

वैशेषिक ,
न्याय ,
सांख्य ,
योग ,
पूर्व मिसांसा ,
दक्षिण मिसांसा !

📜😇  सप्त ऋषि -

विश्वामित्र ,
जमदाग्नि ,
भरद्वाज ,
गौतम ,
अत्री ,
वशिष्ठ और कश्यप!

📜😇  सप्त पुरी -

अयोध्या पुरी ,
मथुरा पुरी ,
माया पुरी ( हरिद्वार ) ,
काशी ,
कांची
( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,
अवंतिका और
द्वारिका पुरी !

📜😊  आठ योग -

यम ,
नियम ,
आसन ,
प्राणायाम ,
प्रत्याहार ,
धारणा ,
ध्यान एवं
समािध !

📜😇 आठ लक्ष्मी -

आग्घ ,
विद्या ,
सौभाग्य ,
अमृत ,
काम ,
सत्य ,
भोग ,एवं
योग लक्ष्मी !

📜😇 नव दुर्गा -

शैल पुत्री ,
ब्रह्मचारिणी ,
चंद्रघंटा ,
कुष्मांडा ,
स्कंदमाता ,
कात्यायिनी ,
कालरात्रि ,
महागौरी एवं
सिद्धिदात्री !

📜😇   दस दिशाएं -

पूर्व ,
पश्चिम ,
उत्तर ,
दक्षिण ,
ईशान ,
नैऋत्य ,
वायव्य ,
अग्नि
आकाश एवं
पाताल !

📜😇  मुख्य ११ अवतार -

 मत्स्य ,
कच्छप ,
वराह ,
नरसिंह ,
वामन ,
परशुराम ,
श्री राम ,
कृष्ण ,
बलराम ,
बुद्ध ,
एवं कल्कि !

📜😇 बारह मास -

चैत्र ,
वैशाख ,
ज्येष्ठ ,
अषाढ ,
श्रावण ,
भाद्रपद ,
अश्विन ,
कार्तिक ,
मार्गशीर्ष ,
पौष ,
माघ ,
फागुन !

📜😇  बारह राशी -

मेष ,
वृषभ ,
मिथुन ,
कर्क ,
सिंह ,
कन्या ,
तुला ,
वृश्चिक ,
धनु ,
मकर ,
कुंभ ,
कन्या !

📜😇 बारह ज्योतिर्लिंग -

सोमनाथ ,
मल्लिकार्जुन ,
महाकाल ,
ओमकारेश्वर ,
बैजनाथ ,
रामेश्वरम ,
विश्वनाथ ,
त्र्यंबकेश्वर ,
केदारनाथ ,
घुष्नेश्वर ,
भीमाशंकर ,
नागेश्वर !

📜😇 पंद्रह तिथियाँ -

प्रतिपदा ,
द्वितीय ,
तृतीय ,
चतुर्थी ,
पंचमी ,
षष्ठी ,
सप्तमी ,
अष्टमी ,
नवमी ,
दशमी ,
एकादशी ,
द्वादशी ,
त्रयोदशी ,
चतुर्दशी ,
पूर्णिमा ,
अमावास्या !

📜😇 स्मृतियां -

मनु ,
विष्णु ,
अत्री ,
हारीत ,
याज्ञवल्क्य ,
उशना ,
अंगीरा ,
यम ,
आपस्तम्ब ,
सर्वत ,
कात्यायन ,
ब्रहस्पति ,
पराशर ,
व्यास ,
शांख्य ,
लिखित ,
दक्ष ,
शातातप ,
वशिष्ठ !

************

इस पोस्ट को अधिकाधिक शेयर करें जिससे सबको हमारी संस्कृति का ज्ञान हो।

સંસ્કૃત શીખો સરળતાથી

अगर आप संस्कृत पढना / या समझना चाहते है तो इस मेसेज को पढकर जरूर प्रिंट निकलवा कर अपने पुस्तककोश में सम्मान देगे।
ॐ ॥ पारिवारिक नाम संस्कृत मे ......
जनक: - पिता , माता - माता
पितामह: - दादा , पितामही - दादी
प्रपितामह: - परदादा , प्रतितामही - परदादी
मातामह: - नाना , मातामही - नानी
प्रमातामह: - परनाना , प्रमातामही - परनानी
वृद्धप्रतिपितामह - वृद्धपरनाना
पितृव्य: - चाचा , पितृव्यपत्नी - चाची
पितृप्वसृपितृस्वसा - फुआ , पितृस्वसा - फूफी
पैतृष्वस्रिय: - फुफेराभाई
पति: - पति , भार्या - पत्नी
पुत्र: / सुत: / आत्मज: - पुत्र , स्नुषा - पुत्र वधू
जामातृ - जँवाई ( दामाद ) , आत्मजा - पुत्री
पौत्र: - पोता , पौत्री - पोती
प्रपौत्र:,प्रपौत्री - पतोतरा
दौहित्र: - पुत्री का पुत्र , दौहितत्री - पुत्री का पुत्री
देवर: - देवर , यातृ,याता - देवरानी , ननांदृ,ननान्दा - ननद
अनुज: - छोटाभाई , अग्रज: - बड़ा भाई
भ्रातृजाया,प्रजावती - भाभी
भ्रात्रिय:,भ्रातृपुत्र: - भतीजा , भ्रातृसुता - भतीजी
पितृव्यपुत्र: - चचेराभाई , पितृव्यपुत्री - चचेरी बहन
आवुत्त: - बहनोई , भगिनी - बहिन , स्वस्रिय:,भागिनेय: - भानजा
नप्तृ,नप्ता - नाती
मातुल: - मामा , मातुली - मामी
मातृष्वसृपति - मौसा , मातृस्वसृ,मातृस्वसा - मौसी
मातृष्वस्रीय: - मौसेरा भाई
श्वशुर: - ससुर , श्वश्रू: - सास , श्याल: - साला
सम्बन्धीन् - समधी, सम्बन्धिनि - समधिन

पशव: ।।
उंट - उष्‍ट्र‚ क्रमेलकः
उद्बिलाव -
कछुआ - कच्‍छप:
केकडा - कर्कट: ‚ कुलीरः
कुत्‍ता - श्‍वान:, कुक्कुर:‚ कौलेयकः‚ सारमेयः
कुतिया – सरमा‚ शुनि
कंगारू - कंगारुः
कनखजूरा – कर्णजलोका
खरगोश - शशक:
गाय - गो, धेनु:
गैंडा - खड्.गी
गीदड (सियार) - श्रृगाल:‚ गोमायुः
गिलहरी - चिक्रोड:
गिरगिट - कृकलास:
गोह – गोधा
गधा - गर्दभ:, रासभ:‚ खरः
घोडा - अश्‍व:, सैन्‍धवम्‚ सप्तिः‚ रथ्यः‚ वाजिन्‚ हयः
चूहा - मूषक:
चीता - तरक्षु:, चित्रक:
चित्‍तीदार घोडा - चित्ररासभ:
छछूंदर - छुछुन्‍दर:
छिपकली – गृहगोधिका
जिराफ - चित्रोष्‍ट्र:
तेंदुआ – तरक्षुः
दरियाई घोडा - जलाश्‍व:
नेवला - नकुल:
नीलगाय - गवय:
बैल - वृषभ: ‚ उक्षन्‚ अनडुह
बन्‍दर - मर्कट:
बाघ - व्‍याघ्र:‚ द्वीपिन्
बकरी - अजा
बकरा - अज:
बनमानुष - वनमनुष्‍य:
बिल्‍ली - मार्जार:, बिडाल:
भालू - भल्‍लूक:
भैस - महिषी
भैंसा – महिषः
भेंडिया - वृक:
भेंड - मेष:
मकड़ी – उर्णनाभः‚ तन्तुनाभः‚ लूता
मगरमच्‍छ - मकर: ‚ नक्रः
मछली – मत्स्यः‚ मीनः‚ झषः
मेंढक - दर्दुरः‚ भेकः
लोमडी -लोमशः
शेर - सिंह:‚ केसरिन्‚ मृगेन्द्रः‚ हरिः
सुअर - सूकर:‚ वराहः
सेही – शल्यः
हाथी - हस्ति, करि, गज:
हिरन - मृग:
बाल - केशा:
2- माँग - सीमन्‍तम्
3- सफेद बाल - पलितकेशा:
4- मस्‍तक - ललाटम्
5- भौंह - भ्रू:
6- पलक - पक्ष्‍म:
7- पुतली - कनीनिका
8- नाक - नासिका
9- उपरी ओंठ - ओष्‍ठ:
10- निचले ओंठ - अधरम्
11- ठुड्डी - चिबुकम्
12- गाल - कपोलम्
13- गला - कण्‍ठ:
14- दाढी, मूँछ- श्‍मश्रु:
15- मुख - मुखम्
16- जीभ - जिह्वा
17- दाँत- दन्‍ता:
18- मसूढे - दन्‍तपालि:
19- कन्‍धा - स्‍कन्‍ध:
20- सीना - वक्षस्‍थलम्
21- हाँथ - हस्‍त:
22- अँगुली - अंगुल्‍य:
23- अँगूठा - अँगुष्‍ठ:
24- पेट - उदरम्
25- पीठ - पृष्‍ठम्
26- पैर - पाद:
27- रोएँ - रोम
।।संस्कृतं सर्वेषां संस्कृतं सर्वत्र📚।।
*शब्दान् जानीमहे वाक्यप्रयोगञ्च कुर्महे >
 विमानम् ।
 उपायनम् ।
🚘 यानम् ।
 आसन्दः / आसनम् ।
 नौका ।
 पर्वत:।
🚊 रेलयानम् ।
 लोकयानम् ।
 द्विचक्रिका ।
🇮🇳 ध्वज:।
 शशक:।
 व्याघ्रः।
 वानर:।
 अश्व:।
 मेष:।
 गज:।
🐢 कच्छप:।
🐜 पिपीलिका ।
 मत्स्य:।
🐄 धेनु: ।
🐃 महिषी ।
🐐 अजा ।
🐓 कुक्कुट:।
🐁 मूषक:।
🐊 मकर:।
🐪 उष्ट्रः।
 पुष्पम् ।
 पर्णे (द्वि.व)।
🌳 वृक्ष:।
🌞 सूर्य:।
🌛 चन्द्र:।
⭐ तारक: / नक्षत्रम् ।
☔ छत्रम् ।
👦 बालक:।
👧 बालिका ।
👂 कर्ण:।
👀 नेत्रे (द्वि.व)।
👃नासिका ।
👅 जिह्वा ।
👄 औष्ठौ (द्वि.व) ।
👋 चपेटिका ।
💪 बाहुः ।
🙏 नमस्कारः।
👟 पादत्राणम् (पादरक्षक:) ।
👔 युतकम् ।
💼 स्यूत:।
👖 ऊरुकम् ।
👓 उपनेत्रम् ।
💎 वज्रम् (रत्नम् ) ।
💿 सान्द्रमुद्रिका ।
🔔 घण्टा ।
🔓 ताल:।
🔑 कुञ्चिका ।
⌚ घटी।
💡 विद्युद्दीप:।
🔦 करदीप:।
🔋 विद्युत्कोष:।
🔪 छूरिका ।
✏ अङ्कनी ।
📖 पुस्तकम् ।
🏀 कन्दुकम् ।
🍷 चषक:।
🍴 चमसौ (द्वि.व)।
📷 चित्रग्राहकम् ।
💻 सड़्गणकम् ।
📱जड़्गमदूरवाणी ।
☎ स्थिरदूरवाणी ।
📢 ध्वनिवर्धकम् ।
⏳समयसूचकम् ।
⌚ हस्तघटी ।
🚿 जलसेचकम् ।
🚪द्वारम् ।
🔫 भुशुण्डिका ।(बु?) ।
🔩आणिः ।
🔨ताडकम् ।
💊 गुलिका/औषधम् ।
💰 धनम् ।
✉ पत्रम् ।
📬 पत्रपेटिका ।
📃 कर्गजम्/कागदम् ।
📊 सूचिपत्रम् ।
📅 दिनदर्शिका ।
✂ कर्त्तरी ।
📚 पुस्तकाणि ।
🎨 वर्णाः ।
🔭 दूरदर्शकम् ।
🔬 सूक्ष्मदर्शकम् ।
📰 पत्रिका ।
🎼🎶 सड़्गीतम् ।
🏆 पारितोषकम् ।
⚽ पादकन्दुकम् ।
☕ चायम् ।
🍵पनीयम्/सूपः ।
🍪 रोटिका ।
🍧 पयोहिमः ।
🍯 मधु ।
🍎 सेवफलम् ।
🍉कलिड़्ग फलम् ।
🍊नारड़्ग फलम् ।
🍋 आम्र फलम् ।
🍇 द्राक्षाफलाणि ।
🍌कदली फलम् ।
🍅 रक्तफलम् ।
🌋 ज्वालामुखी ।
🐭 मूषकः ।
🐴 अश्वः ।
🐺 गर्दभः ।
🐷 वराहः ।
🐗 वनवराहः ।
🐝 मधुकरः/षट्पदः ।
🐁मूषिकः ।
🐘 गजः ।
🐑 अविः ।
🐒वानरः/मर्कटः ।
🐍 सर्पः ।
🐠 मीनः ।
🐈 बिडालः/मार्जारः/लः ।
🐄 गौमाता ।
🐊 मकरः ।
🐪 उष्ट्रः ।
🌹 पाटलम् ।
🌺 जपाकुसुमम् ।
🍁 पर्णम् ।
🌞 सूर्यः ।
🌝 चन्द्रः ।
🌜अर्धचन्द्रः ।
⭐ नक्षत्रम् ।
☁ मेघः ।
⛄ क्रीडनकम् ।
🏠 गृहम् ।
🏫 भवनम् ।
🌅 सूर्योदयः ।
🌄 सूर्यास्तः ।
🌉 सेतुः ।
🚣 उडुपः (small boat)
🚢 नौका ।
✈ गगनयानम्/विमानम् ।
🚚 भारवाहनम् ।
🇮🇳 भारतध्वजः ।
1⃣ एकम् ।
2⃣ द्वे ।
3⃣ त्रीणि ।
4⃣ चत्वारि ।
5⃣ पञ्च ।
6⃣ षट् ।
7⃣ सप्त ।
8⃣ अष्ट/अष्टौ ।
9⃣ नव ।
🔟 दश ।
2⃣0⃣ विंशतिः ।
3⃣0⃣ त्रिंशत् ।
4⃣0⃣ चत्त्वारिंशत् ।
5⃣0⃣ पञ्चिशत् ।
6⃣0⃣ षष्टिः ।
7⃣0⃣ सप्ततिः ।
8⃣0⃣ अशीतिः ।
9⃣0⃣ नवतिः ।
1⃣0⃣0⃣ शतम्।
⬅ वामतः ।
➡ दक्षिणतः ।
⬆ उपरि ।
⬇ अधः ।
🎦 चलच्चित्र ग्राहकम् ।
🚰 नल्लिका ।
🚾 जलशीतकम् ।
🛄 यानपेटिका ।
📶 तरड़्ग सूचकम् ( तरड़्गाः)
+ सड़्कलनम् ।
- व्यवकलनम् ।
× गुणाकारः ।
÷ भागाकारः ।
% प्रतिशतम् ।
@ अत्र (विलासम्)।
⬜ श्वेतः ।
🔵 नीलः ।
🔴 रक्तः ।
⬛ कृष्णः ।
इदानीं वाक्यप्रयोगं कुर्मः ..........
संस्कृतेन सम्भाषणं कुर्मः ........
जीवनस्य परिवर्तनं कुर्मः ......
पुष्पनाम संस्कृतम्
१ कनेर कर्णिकार:
२ कमल (नीला) इन्‍दीवरम्
३ कमल (श्‍वेत) कैरवम्
४ कमल (लाल) कोकनदम्, पद्मम्
५ कुमुदनी कुमुदम्
६ कुन्‍द कुन्‍दम्
७ केवडा केतकी
८ गुलाब पाटलम्
९ गेंदा स्‍थलपद्मम्
१० चम्‍पा चम्‍पक:
११ चमेली
१२ जवापुष्‍प जपापुष्‍पम्
१३ जूही यूथिका
१४ दुपहरिया बन्‍धूक:
१५ नेवारी नवमालिका
१६ बेला मल्लिका
१७ मौलसरी बकुल:
१८ रातरानी रजनीगन्‍धा
१९ हरसिंगार शेफालिका
२० मालती मालतीपुष्‍प